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Forest Fire Episode-6 (Bhuwan Pathak, Social Activist,garur,Bageshwar)

जंगल हमेशा आग फैलाने वाली चीजों को ही पैदा करते हैं लेकिन मनुष्यों का, पशुओं का हस्तक्षेप जंगलों में बारहमास बना रहता था लिहाजा चारा पत्ती, जलावन की लक़ड़ी, बिछावन की पत्तियां व पिरुल जंगल से जाते रहते थे। आज जंगलों में ईधन का, बिछावन की पत्तियों का, सूखी लकड़ियों की अधिकता हो गई है। पशु ग्वाले नहीं गए तो जंगल की घास भी जस की तस बनी रही लिहाजा आग के सारे कारक जंगल में बढ़ गए हैं और फिर लोगों की प्रतिबद्धताएं भी जंगल व पशुओं के प्रति खत्म हो गई हैं, उनकी प्राथमिकता में अब मोबाइल व मोबाइल टावर ज्यादा आ गए हैं। लोगों की, समाज की प्रतिबद्धता चूंकि जंगल, खेती व पशुओं के प्रति खत्म हो गई है तो विभाग किस वजह से प्रतिबद्ध बना रहेगा। ये कहना है भुवन पाठक का। पिछले तीस साल से पहाड़ों में आजीविका के सवालों पर जल,जंगल, जमीन व तालाबों पर काम कर रहे हैं। गरूड़ बागेश्वर में रहते हैं। आज जंगल के आग के कारणों पर कारकों पर और उपायों पर बता रहे हैं आईये विस्तार से सुनते हैं ये बातचीत।

Audio file
External Expert
Participants
Sunita Bhaskar (RJ)
Language
Hindi
Format
Talk

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